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Ancient History (प्राचीन इतिहास) MCQ – Objective Questions PDF Railway Exam वर्ष 2014 से 2022 तक

05 Jun, 2025

Ancient History MCQ Objective Questions PDF for Railway Exam (in Hindi)

 

प्रिय पाठकों,


जैसा कि हम सभी जानते हैं, GK/GS सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी और निर्णायक विषय होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, XamToppr की ओर से प्राचीन इतिहास (Ancient History) अध्याय पर आधारित महत्वपूर्ण Objective Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न) हिंदी में साझा किए जा रहे हैं।

 

इस अध्याय में Railway द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं जैसे:
RRB NTPC, RRC Group-D, RRB JE, RPF Constable, RPF SI, RRB ALP/Technician में पूछे गए प्रश्नों को शामिल किया गया है।

 

यह Ancient History MCQ PDF आपके आगामी रेलवे परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी। हमने इसे पूर्णतः त्रुटिरहित बनाने का प्रयास किया है। फिर भी यदि किसी मानवीय या तकनीकी कारणवश कोई त्रुटि रह गई हो, तो XamToppr उसके लिए क्षमाप्रार्थी है।

 

नोट: यदि आपको XamToppr द्वारा दी गई यह Ancient History (प्राचीन इतिहास) MCQ PDF पसंद आए, तो कृपया इसे अधिक से अधिक Like और Share करें ताकि अन्य छात्र-छात्राओं को भी इसका लाभ मिल सके।

 

Good luck with your studies and exam preparations!

 

Ancient History (प्राचीन इतिहास) MCQ – Objective Questions PDF Railway Exam वर्ष 2014 से 2022 तक

 

RRB की विभिन्न विगत परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण चार्ट

क्र.स.

परीक्षा

परीक्षा वर्ष

कुल प्रश्न पत्र

सामान्य ज्ञान के कुल प्रश्न

1.

RRB NTPC-2019
Stage-II

2022

15

40 × 15= 600

2.

RRC Group-D 2019

2022

99

30 × 99= 2970

3.

RRB NTPC-2019
Stage-I

2020-2021

133

30 × 133= 3990

4.

RRB JE-2018
Stage-II

2019

9

15 × 9 = 135

5.

RPF Constable 2018

2019

17

30 × 17 =  510

6.

RPF SI 2018

2019

23

30 × 23 = 690

7.

RRB JE-2018
Stage-I

2019

38

15 × 38 = 570

8.

RRB ALP/Tech.-2018 Stage-II

2019

18

10 × 18 = 180

9.

RRB ALP/Tech.-2018
Stage-I

2018

30

10  ×  30 = 300

10.

RRB Group D 2018

2018

135

20  ×  135 = 2700

11.

RRB NTPC-2015
Stage-II

2017

9

15  ×  9 = 135

12.

RRB NTPC-2015
Stage-I

2016

63

30  ×  63 = 1890

13.

RRB JE 2015

2015

26

15  ×  26 = 390

14.

RRB JE 2014

2014

10

15  ×  10 = 150

Total

625

15210

 

Previous Year MCQ PDF List

History MCQ Pdf

Geography MCQ Pdf

Polity MCQ Pdf

Biology MCQ Pdf

Chemistry MCQ Pdf

Physics MCQ Pdf

Economics MCQ Pdf

 

 

1. पाषाण काल (Stone age)

 

1. इनमें से कौन-सा पाषाण युग (Stone Age) के तीन प्रमुख कालों के अंतर्गत नहीं आता है?

(a) पुरापाषाण

(c) ताम्रपाषाण

(b) नवपाषाण

(d) मध्यपाषाण

RRB NTPC 12.03.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (c) पाषाण युग में मनुष्य पत्थर के औजारों का उपयोग करता था। पाषाण युग के तीन चरण पुरापाषाण, मध्यपाषाण तथा नवपाषाण है। ताम्रपाषाण युग नवपाषाण युग के बाद आरम्भ हुआ जिसमें मनुष्य तांबे के औजारों का उपयोग करने लगा। लगभग 5000 ई.पू. में मनुष्य ने सर्वप्रथम तांबा धातु का प्रयोग किया था।

 

2. भीमबेटका की गुफाओं की खोज कब हुई थी?

(a) 1955-56

(b) 1957-58

(c) 1954-55

(d) 1953-54

RRB NTPC 14.03.2021 (Shift-II) Stage Ist

Ans. (b): भीमबेटका की गुफाएँ भारत के मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं। ये गुफाएँ चारों तरफ से विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुई हैं, यह एक पुरापाषाणिक गुफा आवास है जिसकी निरन्तरता मध्य ऐतिहासिक काल तक रही। इसकी खोज डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा 1957-1958 में की गई। वर्ष 2003 में यूनेस्कों ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।

 

3. भीमबेटका के शैलाश्रय निम्नलिखित में से किसके

लिए प्रसिद्ध है?

(a) मौर्य वंश के दौरान की गई चित्रकारी के चिन्हों की वजह से

(b) मुगलों की मूर्तिकला के चिन्हों की वजह से

(c) प्रारंभिक द्रविड़ काल के चिन्हों की वजह से

(d) भारतीय उपमहाद्वीप पर मानव जीवन के प्राचीनतम चिन्हों की वजह से

RRB NTPC 10.02.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (d) : मध्य प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र में भोपाल के दक्षिण पूर्व में रायसेन जिले में अवस्थित भीमबेटका गुफाओं से मानव जीवन के प्राचीनतम चिन्हों के प्रमाण मिले हैं। यद्यपि यहाँ अधिकांश चित्रकारी मध्यपाषाण युग की है, किन्तु यहाँ उत्तर-पुरापाषाण, ताम्रपाषाण काल, प्रारम्भिक ऐतिहासिक और मध्यकालीन युग के भी चित्र मिले हैं।

 

4. भारत में पाषाण कालीन शिला चित्रकारी कहाँ पायी

जाती है?

(a) नालंदा

(c) एलीफेंटा

(b) भीमबेटका

(d) बाघ गुफाएं

RRB NTPC 12.02.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (b) : भीमबेटका भारत के मध्यप्रदेश प्रान्त के रायसेन जिलें में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है, जहाँ पर पाषाण कालीन शिला चित्रकारी पायी जाती है।

 

5. निम्नलिखित में से कौन सा मानव गतिविधियों एवं के प्राक-ऐतिहासिक काल का सही कालानुक्रम है?

(a) पुरापाषाण काल मणकाल

(b) धातु कुरा काल, मध्यपाषाण पुराचषाण काल

(c) कालपाण

(d) मध्ययापाश्च कर

RRB NTPC 11.02.2021 (Shin-1) Stage Ist

Ans.(a) प्रतिइतिहास के उस युग में है जब मानव ने लिपि लेखन का विकास नहीं किया था उसका जीवन पत्थरों के इर्द-गिर्द तथा इसीलिए इसे पा काल भी कहते है। इस पागलको भागों में बांटकर देखा सकता है। पुरापाषाण काल Stageतथा नवपाषाण काल |

 

2. सिन्धु सभ्यता (Indus Civilization)

 

6. सिंधु घाटी सभ्यता के समय में शिल्प निर्माण के लिए सीप कहाँ से प्राप्त किए जाते थे ?

(a) जयपुर

(b) शोर्तुगई

(c) नागेश्वर

(d) रोपड़

RRB NTPC (Stage-2) 16/06/2022 (Shift-II)

Ans. (c) : सिंधु घाटी सभ्यता के समय में शिल्प निर्माण के लिए सीप नागेश्वर (गुजरात) से प्राप्त किए जाते थे। इस सभ्यता के विभिन्न स्थलों से कला के जो रूप प्राप्त हुए हैं, उनमें मुहरें, मिट्टी के बर्तन, आभूषण, पकी हुई मिट्टी की मूर्तियाँ आदि शामिल हैं।

 

7. सिंधु घाटी सभ्यता का निम्न में से कौन सा स्थल पंजाब (भारत) में स्थित है ?

(a) कोटदिजी

(b) बनावली

(c) बालू

(d) रोपड़

RRB NTPC (Stage-2) 12/06/2022 (Shift-I)

Ans. (d) : सिन्धु घाटी सभ्यता स्थल रोपड़ की खोज 1950 में बी.बी. लाल के द्वारा की गई। यह स्थल पंजाब के रोपड़ जिला में सतलज नदी के तट पर स्थित है। यहाँ से मनुष्य के साथ पालतू कुत्ते दफनाये जाने का साक्ष्य मिला है।

 

8. हड़प्पा की अधिकांश मानक मुहरें ........ नामक एक प्रकार के मुलायम पत्थर से बनी होती थीं, जो 2×2 विमा के साथ वर्गाकार आकृति का होता था, तथा जिसका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता था।

(a) रोडोनाइट

(b) गोल्डन रूटाइल

(c) स्टिएटाइट

(d) सेलेनाइट

RRB NTPC (Stage-2) 16/06/2022 (Shift-III)

Ans. (c) : हड़प्पा की अधिकांश मुहरों को सेलखड़ी (स्टिएटाइट)से बनाया जाता था जो एक प्रकार का नरम पत्थर है। इसके अतिरिक्त कांचली मिट्टी, चर्ट, गोमेट मिट्टी आदि की बनी मुहरे भी हैं। मानक मुहर 2×2 आयाम के साथ चौकोर होती थी। इन मुहरों पर गणितीय चित्र होते थे जिनका उपयोग शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जाता था। सभी मुहरों में जानवरों की तस्वीरें एक चित्रमय लिपि में लिखी गई है (जो कि अभी तक स्पष्ट नहीं है)। जिन पर मुख्यतः दर्शाए गये जानवर बाघ, हाथी, वृषभ, गैंडा, भैसा, हिरन, खरगोश और बकरा थे।

 

9. धौलावीरा राज्य में स्थित है।

(a) गुजरात

(b) झारखंड

(c) राजस्थान

(d) छत्तीसगढ़

RRB NTPC 15.03.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (a) : धौलावीरा गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में स्थित पुरातात्विक स्थल है। इस स्थल की खोज 1968 में जगपति जोशी द्वारा की गई थी। यहां पाये गये कलाकृतियों में टेराकोटा, मिट्टी के बर्तन, मोती, सोने एवं तांबे के गहने, जानवरों की मूर्तिया, उपकरण, कलश इत्यादि। जुलाई 2021 में यूनेस्को ने धौलावीरा को भारत के 40 वें विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया। इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाला सिंधु सभ्यता का भारत का यह पहला स्थल है।

 

10. धौलावीरा, एक पुरातात्विक स्थान, किस समयावधि से जुड़ी हुई है?

(a) गुप्त अवथि

(b) मगध अवधि

(c) सिंधु घाटी सभ्यता

(d) चालुक्य अवधि

RRB NTPC 12.04.2016 (Shift-II) Stage I  ^"st "

Ans : (c) उपर्युत्क प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

11. मोहनजोदड़ो में पाया गया विशाल स्नानागार (The Great Bath) एक विशाल

(a) वृत्ताकार टैंक था।

(c) त्रिभुजाकार टैंक

(b) बेलनाकार टैंक

RRB NTPC 19.03.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (d) : मोहनजोदड़ो में पाया गया विशाल स्नानागार एक विशाल आयताकार टैंक था। मोहनजोदड़ो सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल था। इसकी खोज राखालदास बनर्जी ने 1922 में की थी। यहाँ से एक शील में तीन मुख वाले देवता (पशुपति नाथ) की मूर्ति मिली है।

 

12. वर्ष 1920-21 के आस-पास किस नदी के किनारे खुदाई के दौरान हड़प्पा शहर मिला?

(a) झेलम

(b) व्यास

(c) चेनाब

(d) रावी

RRB NTPC 12.03.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (d) : हड़प्पा शहर सिंधु सभ्यता का एक शहर है जो पाकिस्तान के मोंटगोमरी जिले में रावी नदी के तट पर वर्ष 192021 में खुदाई के दौरान मिला था। इसके उत्वननकर्ता दयाराम साहनी एवं माधोस्वरूप वत्स थे।

 

13. सिंधु घाटी सभ्यता के किस शहर का शाब्दिक अर्थ 'मृतकों का टीला' है?

(a) मेसोपोटामिया

(b) मोहनजोदड़ो

(c) बालाकोट

(d) हड़प्पा

RRB NTPC 09.03.2021 (Shift-II) Stage Ist

Ans. (b) : मोहनजोदड़ो का सिन्धी भाषा में अर्थ है "मृतकों का टीला''। यह दुनिया का सबसे पुराना नियोजित और उत्कृष्ट शहर माना जाता है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे परिपक्व शहर है जो सिन्धु नदी के दायें किनारे लरकाना जिले में स्थित है। इसकी खोज राखलदास बनर्जी ने 1922 में की थी।

 

14. 'मोहनजोदड़ो' शब्द का अर्थ क्या है?

(a) रहने का स्थान

(b) बाजार स्थल

(c) मृतकों का टीला

(d) पसंदीदा शहर

RRB NTPC 05.04.2021 (Shift-II) Stage Ist

Ans. (c) : उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

15. मोहनजोदड़ो कहां स्थित है?

(a) खैबर पखतूनख्वा

(b) पंजाब

(c) बलूचिस्तान

(d) सिंध

RRB NTPC 02.03.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (d) : मोहनजोदड़ो का सिंधी भाषा मे अर्थ 'मृतकों का टीला' होता है। यह सिंध (पाकिस्तान) के लरकाना जिले में सिंधु नदी के तट पर स्थित है। इसकी खोज 1922 ई. में राखालदास बनर्जी ने की थी। यहाँ की शासन व्यवस्था राजतंत्रात्मक न होकर जनतंत्रात्मक थी।

 

16. हड़प्पा सभ्यता का कौन सा शहर विशिष्ट रूप से मनके बनाना, सीप काटना, धातु की वस्तुएं बनाना, मुहर बनाना और तराजू का निर्माण करना आदि कार्यों सहित शिल्प उत्पादन के लिए समर्पित था?

(a) मोहनजोदड़ों

(b) नागेश्वर

(c) हड़प्पा

(d) चन्हुदड़ों

RRB NTPC 19.01.2021 (Shift-II) Stage Ist

Ans. (d) : मोहनजोदड़ो से 80 मील दक्षिण में स्थित चन्हूदड़ो की खोज सर्वप्रथम 1931 में एम. जी. मजूमदार ने की थीं। यहाँ सैंधव संस्कृति के अतिरिक्त प्राक हड़प्पा संस्कृति जिसे झूकर एवं झाकर संस्कृति कहते है, के अवशेष मिले हैं। यहाँ के निवासी कुशल कारीगर थे, इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि यह मनके, सीप, मुहर तथा मुद्रा बनाने का प्रमुख केन्द्र था। यह एक मात्र स्थल है, जहाँ से वक्राकार ईंटे मिली है।

 

17. सिंधु घाटी सभ्यता के निम्न में से किस स्थल को सबसे पहले खोजा गया था?

(a) मोहनजोदड़ो

(b) हड़प्पा

(c) लोथल

(d) कालीबंगा

RRB NTPC 18.01.2021 (Shift-II) Stage Ist

Ans. (b) : सिंधु घाटी सभ्यता के स्थल हड़प्पा का उत्वनन 1921 में दयाराम साहनी द्वारा कराया गया था। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया तथा यह सभ्यता सिंधु नदी घाटी में फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिंथु घाटी सभ्यता रखा गया। 1922 में राखालदास बनर्जी ने मोहनजोदड़ो की खोज की थी।

 

18. पत्थर की बनी नृत्य करते हुए पुरुष की मूर्ति, 'नटराज' किस स्थान पर पाई गई थी?

(a) लोथल

(b) रंगपुर

(c) हड़प्पा

(d) मोहनजोदड़ों

RRB NTPC 13.01.2021 (Shift-II) Stage Ist

Ans. (c) : हड़प्पा से प्राप्त पुरुष नर्तक धड़ 'चूना पत्थर' से बना हुआ है। वह दाहिने पैर के बल पर खड़ा है और बायां पैर नृत्य की मुद्रा में ऊँचा उठा है। इस मूर्ति को 'नटराज' के आदि रूप का द्योतक माना गया है। इसकी ऊँचाई 7-8 इंच है।

 

19. इनमें से कौन सा हड़प्पा स्थल गुजरात में पाया गया है?

(a) बालाथल

(b) खांडिया

(c) धौलावीरा

(d) मांडा

RRB NTPC 05.02.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (c) : हड़प्पा युगीन नगर धौलावीरा को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल कर लिया हैं। यह गुजरात के रण ऑफ कच्छ में खादिर बेट द्वीप पर स्थित है। यह वैश्विक धरोहर की सूची में जगह बनाने वाला गुजरात का चौथा जबकि भारत का 40 वां स्थल है। इसकी खोज 1968 ई. में पुरातत्ववेता जगतपति जोशी ने की थी।

 

20. निम्नलिखित में से कौन सा स्थल सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा नहीं है?

(a) मोहनजोदड़ो

(b) हड़प्पा

(c) लोथल

(d) उरूक

RRB NTPC 16.01.2021 (Shift-II) Stage Ist

Ans. (d) : सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल-मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, हड़प्पा, धौलावीरा, लोथल तथा राखीगढ़ी थे, जबकि उरूक एक सुमेरियन सभ्यता का शहर था।

सिन्धु सभ्यता या हड़प्पा के प्रारम्भिक स्थल सिन्धु नदी के आसपास केन्द्रित था। अतः इसे सिन्धु सभ्यता कहा गया। भारतीय उपमहाद्वीप में यह 'प्रथम नगरीय क्रान्ति' की अवस्था को दर्शाती है।

 

21. सिंधु सभ्यता के इनमें से किन स्थलों में जलाशयों के साक्ष्य मिले हैं?

(a) कालीबंगा

(b) धौलावीरा

(c) कोट दीजी

(d) लोथल

RRB NTPC 01.04.2021 (Shift-II) Stage Ist

Ans. (b) : धौलावीरा गुजरात के कच्छ के रण में स्थित है, इसकी खोज जे.पी. जोशी (1967-68) ने की। यह नगर आयताकार बना था। यहाँ से एक विशाल जलाशय का साक्ष्य मिलता है। सुरकोटदा से कलश शवाधान के साक्ष्य मिले हैं। रोपड़ से सेलखड़ी की मुहर, मृदभांड एवं कुल्हाड़ी आदि के साक्ष्य पाये गये हैं। यहाँ के निवासी जलसंचय की कुशल अभियान्त्रिक कला से परिचित थे।

 

22. पुरातात्विक स्थल 'सुरकोटडा (Surkotada)' किस राज्य में स्थित है?

(a) राजस्थान

(b) पंजाब

(c) बिहार

(d) गुजरात

RRB NTPC 03.03.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (d) : 'सुरकोटदा' या 'सुरकोटडा' गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है। इस स्थल से हड़प्पा सभ्यताके विस्तार के प्रमाण मिले हैं। 1996 में इस स्थल की खोज जगपति जोशी ने की थी।

सिंधुघाटी सभ्यता के स्थल

राज्य

धौलावीरा, लोथल, रंगपुर, सुरकोटदा

गुजरात

आलमगीरपुर

उत्तर प्रदेश

कालीबंगा

राजस्थान

माण्डा

जम्मू-कश्मीर

देमाबाद

महाराष्ट्र

रोपड़

पंजाब

 

23. 1944 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक के रूप में किसने पदभार संभाला और हड़प्पा की खुदाई का जिम्मा लिया?

(a) दया राम साहनी

(b) जॉन मार्शल

(c) रखाल दास बनर्जी

(d) रेम (REM) व्हीलर

RRB NTPC 17.01.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (d) : सर रॉबर्ट एरिक मॉर्टिमर व्हीलर ने 1944 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक का पदभार संभाला और हड़प्पा की खुदाई का जिम्मा लिया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का प्रमुख कार्य राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारकों तथा पुरातत्वीय स्थलों और अवशेषों का रख-रखाव करना है। यह संस्कृति मंत्रालय के अथीन है। वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की महानिदेशक वी. विद्यावती है।

 

24. प्रसिद्ध सिंधु घाटी स्थल मोहनजोदड़ो की पहली बार खुदाई किस प्रख्यात भारतीय पुरातत्वविद् द्वारा की गई थी?

(a) एस.आर.राव

(b) बी.बी.लाल

(c) आर.डी. बैनर्जी

(d) दया राम साहनी

RRB NTPC 17.01.2021 (Shift-I) Stage Ist

Ans. (c) : मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ 'मृतकों का टीला' है। यह पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के तट पर स्थित है। इसकी खोज राखालदास बनर्जी ने 1922 में की थी। मोहनजोदड़ो का सबसे महत्वपूर्ण स्थल विशाल स्नानागार है, यह 11.88 मी. लम्बा, 7.01 मी. चौड़ा तथा 2.43 मी. गहरा है, मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत विशाल अन्नागार है, जो 45.71 मी. लम्बा और 15.23 मी. चौड़ा है। यहाँ से प्राप्त अन्य अवशेषों में कांसे की नृत्य करती नारी की मूर्ति, योगी की मूर्ति, मुद्रा पर अंकित पशुपति नाथ (शिव) की मूर्ति, घोड़े के दांत इत्यादि हैं।

 

25. सिंधु घाटी सभ्यता   वर्ष पुरानी है और दक्षिण में गंगा घाटी के निचले क्षेत्रों व उत्तर में मालवा तक फैली हुई थी।

(a) 1000 ईसा पूर्व

(b) 5000 ईसा पूर्व

(c) 3000 ईसा पूर्व

(d) 8000 ईसा पूर्व

RRB Group-D 27-11-2018 (Shift-III)

Ans. (c) सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। इस सभ्यता का नामकरण हड़प्पा नामक स्थल जहाँ यह संस्कृति पहली बार खोजी गई थी, के नाम पर किया गया है। यह स्थल रावी नदी के तट पर स्थित है। इसकी खोज 1921 ई. में दयाराम साहनी एवं माधोस्वरूप वत्स द्वारा की गयी थी। इस हड़प्पा स्थल की वर्तमान भौगोलिक स्थिति पाकिस्तान का माण्टगोमरी जिला है। इसका काल निर्धारण निम्न है-

  • एन.सी.ई.आर.टी. - 2600-1900 ईसा पूर्व के बीच।

  • परिपक्व हड़प्पा संस्कृति का अस्तित्व मोटे तौर पर 2550 ईसा पूर्व एवं 1900 ईसा पूर्व के बीच रहा।

  • रेडियोकार्बन C14 जैसी नवीन विश्लेषण- पद्धति के द्वारा सिन्धु सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2500 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व मानी गयी है।

  • कुछ इतिहासकार सिन्धु घाटी सभ्यता की तिथि 3250 ईसा पूर्व से 2750 ईसा पूर्व मानते है।
    उपर्युक्त व्याख्या को ध्यान में रखते हुए, निकटतम विकल्प (c) को सही माना जा सकता है।

 

26. ___________का विकास 5000 बी. सी. ई. से मालवा के दक्षिण की ओर एवं उत्तर की ओर गंगा घाटी के पूरे तलहटी क्षेत्र में हुआ।
(a) सिन्धु घाटी सभ्यता
(b) आर्य साम्राज्य
(c) मौर्य साम्राज्य
(d) मगध साम्राज्य

RRB Group-D 24-09-2018 (Shift-II)
Ans : (a) सिन्धु घाटी सभ्यता का विकास 5000 ईसा पूर्व में मालवा के दक्षिण की ओर एवं उत्तर की ओर गंगा घाटी के तलहटी क्षेत्र में हुआ था।

 

27. हड़प्पा सभ्यता 2500 बी.सी. के आस-पास विकास किया था आज उन्हें हम क्या कहते हैं?
(a) पाकिस्तान और अफगानिस्तान
(b) पश्चिमी भारत और पाकिस्तान
(c) अफगानिस्तान और पश्चिमी भारत
(d) भारत और चीन

RRB NTPC 17.01.2017 (Shift-III) Stage I  st 
Ans : (b) हड़प्पा सभ्यता 2500 बी.सी. के आस-पास विकसित हुई थी। इस सभ्यता का विस्तार पश्चिमी भारत और पाकिस्तान में है। हड़प्पा रावी नदी के तट पर, पाकिस्तान के माण्टगोमरी जिले में स्थित है। इसकी खोज सन् 1921 में दयाराम साहनी एवं माधोस्वरूप वत्स ने की थी।
 

28. भारत का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता के जन्म से शुरू होता है, जो लगभग अस्तित्व में आयी थी।
(a) 2500 ईसा पूर्व
(b) 4500 ईसा पूर्व
(c) 1500 ईसा पूर्व
(d) 6500 ईसा पूर्व

RRB Group-D 03-12-2018 (Shift-II)
Ans : (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

29. सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या थी?
(a) वस्तु विनिमय प्रणाली
(b) स्थानीय परिवहन प्रणाली
(c) ईंट के बने भवन
(d) प्रशासनिक प्रणाली

RRB NTPC 05.04.2016 (Shift-III) Stage Ist 
Ans : (c) सिन्धु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता ईंट के बने भवन थे। यह विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में प्रमुख है। ईटों का प्रयोग सभी हड़प्पा बस्तियों में किया गया था। इस समय की ईटें एक निश्चित अनुपात 4:2:1 में थी।

 

30. सिन्धु घाटी सभ्यता है?
(a) ताम्र युगीन सभ्यता
(b) लौह-युगीन सभ्यता
(c) अक्ष-युगीन सभ्यता
(d) कांस्य-युगीन सभ्यता 

RRB NTPC 17.01.2017 (Shift-III) Stage Ist
Ans : (d) सिन्धु घाटी सभ्यता को कांस्य युगीन सभ्यता भी कहा जाता है। इस सभ्यता में पहली बार कांसा धातु का प्रयोग किया गया था जो तांबे और टिन का मिश्रण था। सिन्धु सभ्यता के 1400 केन्द्रों को खोजा जा चुका है, जिसमें 925 केन्द्र भारत में है। यह सभ्यता सिंधु और उसकी सहायक नदियों के आस-पास विस्तृत थी।

 

31. सिंधु सभ्यता के लोग  बनाने के लिए तांबे और टिन को मिश्रित करते थे।
(a) सीसा
(b) कांस्य
(c) लोहा
(d) सोना

RRB Group-D 10-12-2018 (Shift-III)
Ans. (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

32. निम्नलिखित में से कौन सा सिंधु घाटी सभ्यता का महत्वपूर्ण स्थल नहीं है?
(a) कालीबंगा
(b) हड़प्पा
(c) मोहनजोदड़ो
(d) आजमगढ़

RRB Group-D 24-10-2018 (Shift-III)
Ans. (d) सिन्धु सभ्यता या सैंधव सभ्यता नगरीय सभ्यता थी। सैंधव सभ्यता के प्रमुख स्थल निम्न है- मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, चन्हूदड़ो, लोथल, बनावली, धौलावीरा, राखीगढ़ी एवं कालीबंगन। अर्थात् सिन्धु सभ्यता में आजमगढ़ (यू.पी.) का कोई स्थान नहीं है।

 

33. 'मोहनजोदड़ो' नाम का अर्थ  में 'मुर्दों का टीला' है-
(a) फारसी
(b) उर्दू
(c) हिंदी
(d) सिंधी

RRB Group-D 28-11-2018 (Shift-I)
Ans : (d) सिंधी भाषा में मोहनजोदड़ो का अर्थ "मृतकों का टीला" है। यह दुनिया का सबसे पुराना नियोजित और उत्कृष्ट शहर माना जाता है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे परिपक्व शहर है।

 

34. हड़प्पा के लोग निम्नलिखित भगवान में से किसकी पूजा नहीं करते थे?
(a) शिव
(b) विष्णु
(c) कबूतर
(d) स्वास्तिक

RRB NTPC 11.04.2016 (Shift-I) Stage I  st 
Ans : (b) मोहनजोदड़ो की एक मुहर पर स्वास्तिक चिह्न तथा एक त्रिमुखी पुरुष को सिंहासन पर योग मुद्रा में बैठे दिखाया गया है जिसे शिव का आदि रूप माना जाता है। इसके दायें तरफ हाथी एवं बाघ तथा बायें तरफ गैंडा एवं भैंसे का अंकन है। हड़प्पा सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मानकर इसकी पूजा करते थे। पशु, पक्षी, जल, वृक्ष, सर्प, अग्न आदि की पूजा भी हड़प्पा सभ्यता में होती थी। हड़प्पा सभ्यता के लोग भगवान विष्णु की पूजा नहीं करते थे।

 

35. सिंधु घाटी सभ्यता के लोग_______ की पूजा करते थे-
(a) हनुमान
(b) काली
(c) अयप्पा
(d) पशुपति

RRB ALP & Tec. (13-08-18 Shift-I)
Ans : (d)

  • सिन्धु घाटी सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी।

  • सिंधु घाटी सभ्यता के लोग तीन मुख वाले देवता पशुपति की पूजा करते थे। यह मूर्ति मोहनजोदड़ों से मिली है।

  • सिंधु घाटी सभ्यता में विशाल स्नानागार मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुआ है।

  • सिंधु घाटी सभ्यता की भावचित्रात्मक लिपि दाई ओर से बाईं ओर लिखी जाती थीं।

36. किस वर्ष में जर्मनी और इटली के पुरातत्वविदों के एक दल ने मोहनजोदड़ो में सतह-अन्वेषण शुरू किया था?
(a) 1955
(b) 1970
(c) 1980
(d) 1990

RRB NTPC 15.02.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (c) : वर्ष 1980 ई. में जर्मन और इटली (इतालवी) के पुरातत्वविदों की संयुक्त टीम ने मोहनजोदड़ो में सतह अन्वेषण को प्रारम्भ किया था। 1986 में अमेरीकी दल द्वारा हड़प्पा में उत्वनन प्रारम्भ किए गए और 1990 ई. में आर.एस. विष्ट ने धौलावीरा में उत्वननों को प्रारम्भ किया।

 

37. हड़प्पा सभ्यता की मुहरों पर निम्नलिखित में से कौन सा पशु अक्सर देखा जाता था?
(a) बैल
(b) शेर
(c) लोमड़ी
(d) हिरन

RRB NTPC 18.01.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (a) : हड़प्पा सभ्यता में पायी गयी मुहरें आयताकार, गोलाकार, वर्गाकार एवं बेलनाकार थीं। इन मुहरों पर हाथी, गैंडा, बाघ, बकरी व बैल जैसे पशुओं की आकृति विद्यमान थी। उल्लेखनीय है कि हड़प्पा सभ्यता की मुहरें मथ्य एशिया के 'उम्मा' और 'उर' शहरों में तथा इनके साक्ष्य मोहनजोदड़ो, लोथल तथा कालीबंगा से भी मिले है। जिससे इनके व्यापारिक क्रियाकलापों का बोध होता है।

 

38. निम्नलिखित में से कौन-सा हड़प्पा स्थल शिल्पकलाओं के उत्पादन से संबंधित नहीं है?
(a) बालाकोट
(b) माँडा
(c) चंहुदड़ो
(d) नागेश्वर

RRB NTPC 17.01.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (b) : जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के दायें तट पर स्थित सिंधु सभ्यता का माँडा स्थल शिल्प कलाओं के उत्पादन से संबंधित नहीं है। जबकि बालाकोट से बहुतायत में सीप की बनी चूड़ियों के टुकड़े प्राप्त हुए हैं तथा चन्हुदड़ो से वक्राकार ईंटे प्राप्त हुई हैं। नागेश्वर से शंख से बनी वस्तुएँ चूड़ियाँ, करछियाँ तथा पच्चीकारी की वस्तुएँ प्राप्त हुई है।

 

3. वैदिक सभ्यता (Vedic Civilization)
 

39. ऋग्वेद में 1028 सूक्त हैं, जिन्हें दस पुस्तकों में वर्गीकृत किया गया है, जिन्हें के नाम से जान जाता है।
(a) मंडल
(b) अनुदत्त
(c) सूक्त
(d) पदपथ

RRB NTPC (Stage-2) 13/06/2022 (Shift-I)
Ans. (a) : ऋग्वेद में 1028 सूक्त हैं, जिन्हें दस पुस्तकों में वर्णित किया गया है, जिन्हें मण्डल के नाम से जाना जाता है।

 

40. वृहदारणयक, मुंडक और तैत्तिरीय निम्नलिखित में से किस श्रेणी के धार्मिक ग्रंथों के उदाहरण हैं।
(a) पुराण
(b) महाकाव्य
(c) उपनिषद
(d) जातक कथा

RRB Group-D - 06/10/2022 (Shift-II)
Ans. (c) : बृहदारण्यक, मुंडक और तैत्तिरीय उपनिषद श्रेणी के धार्मिक ग्रंथो के उदाहरण हैं। भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य 'सत्यमेव जयते' मुण्डकोपनिषद से लिया गया है। पुराणों की संख्या18 है जिसमें मत्स्य पुराण सबसे प्राचीन है।

 

41. हिन्दू धर्म में, ............. देव को "पौधों के स्वामी", रोगों के उपचारक और धन के दाता माना जाता है।
(a) उषा
(b) यम
(c) वारुणी
(d) सोम

RRB Group-D 29/08/2022 (Shift-I)

Ans. (d) : हिन्दू धर्म में सोम देव को पौथों का स्वामी, रोगों का उपचारक और धन का दाता माना जाता है। वरुण को समुद्र का देवता, विश्व के नियामक सत्य के प्रतीक, ऋतु परिवर्तन के देवता के रूप में जाना जाता है। हिन्दू धर्म में उषा को भोर की देवी माना गया है। यम/यमराज को मृत्यु का देवता माना गया है।
 

42. निम्न में से कौन सी हिंदू धर्म की प्रमुख दार्शनिक विचारधारा है?
(a) सन्यास
(b) मोक्ष
(c) अर्थ
(d) वैशेषिक

RRB Group-D : 30/08/2022 (Shift II)
Ans. (d) : हिन्दू धर्म की प्रमुख दार्शनिक विचारधारा वैशेषिक दर्शन है। वैशेषिक दर्शन का प्रवर्तक कणाद मुनि को माना जाता है। इस दर्शन के सिद्धान्त न्याय दर्शन के सिद्धान्तों के समान ही है। वैशेषिक दर्शन का मुख्य उद्देश्य वाह्य जगत की व्यापक समीक्षा करना है। वैशेषिक दर्शन में न्याय दर्शन के 16 तत्वों की अपेक्षा केवल सात तत्वों को स्वीकार किया गया है।

 

43. निम्न में से किस वेद को - कर्मकांड ग्रंथ (Book of rituals) - के रूप में जाना जाता है ?
(a) यजुर्वेद
(b) सामवेद
(c) ऋग्वेद
(d) अथर्ववेद

RRB Group-D - 02/09/2022 (Shift-I)
Ans. (a) : यजुर्वेद को - कर्मकांड ग्रंथ - के रूप में जाना जाता है, जो कि बलिदान धर्म की स्थापना करता है। इसे यज्ञवेद भी कहते है। इसके पाठकर्ता को अभ्वर्यु कहा जाता है। इसमें यज्ञों के नियम, विधि विधानों का संकलन तथा बलिदान विधि का वर्णन मिलता है। यह एक ऐसा वेद है, जो गद्य एवं पद्य दोनों में है। जबकि ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान के संग्रह को ऋग्वेद कहा जाता है। इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त एवं लगभग 10,600 ॠचाएं हैं। इसके ऋचाओं को पढ़ने वाले ऋषि को • होतृ * कहते हैं। सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाये जाने वाले ऋचाओं (मंत्रों) का संकलन है। इसके पाठकर्ता को उद्गाता कहते हैं। तथा अथर्ववेद, अथर्वा ऋषि द्वारा रचित है, जिसमें कुल 731 सूक्त और 6000 मंत्र है।

 

44. यजुर्वेद  से संबंधित है।
(a) गायत्री मंत्र
(b) यज्ञ के अनुष्ठानों
(c) जादू और टोना
(d) राग

RRB Group-D - 17/09/2022 (Shift-III)
Ans. (b) : यजुर्वेद का सम्बन्ध यज्ञ के अनुष्ठानों तथा मंत्रों के संग्रह से है। चार वेदों-ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद तथा अथर्ववेद में यजुर्वेद तीसरा वेद है। यजुर्वेद की दो शाखाएँ हैं-कृष्ण यजुर्वेद तथा शुक्ल यजुर्वेद।

 

45. यजुर्वेद की कितनी शाखएं हैं?
(a) 3
(b) 2
(c) 5
(d) 4

RRB Group-D - 13/09/2022 (Shift-III)
Ans. (b) : यजुर्वेद की दो शाखाएं है - शुक्ल यजुर्वेद और कृष्ण यजुर्वेद। यजुर्वेद की 85 शाखाओं की चर्चा मिलती है, किन्तु आज उनमें से केवल ये चार ही उपलब्ध है। - कठ और कपिष्ठल शुक्ल यजुर्वेद की दो शाखाएँ है तथा कृष्ण यजुर्वेद की शाखाएं है कण्व, माध्यन्दिनी।

 

46. वैदिक ग्रंथों के अनुसार, 'संग्रहित्री' का क्या कार्य था?
(a) कोषाथ्यक्ष/खजांची
(b) सारथी
(c) कर संग्राहक
(d) चारण

RRB Group-D - 22/09/2022 (Shift-II)
Ans.(a) : वैदिक ग्रन्थों के अनुसार, 'संग्रहित्री' का अर्थ है कोषाथ्यक्ष/खजांची। प्रमुख वैदिक ग्रन्थों में चार वेद (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद), आठ ब्राह्मण ग्रन्थ, 7 आरण्यक और 12 प्रारम्भिक उपनिषद आते हैं।

 

47. हिंदू धर्म 'पुरूषार्थ-जीवन के लक्ष्य, के माध्यम से जीवन में पूर्ण भागीदारी को प्रोत्साहित करता है। निम्न में से कौन एक पुरूषार्थ नही हैं?
(a) काम
(b) सत्व
(c) मोक्ष
(d) अर्थ

RRB Group-D - 30/09/2022 (Shift-III)
Ans. (b) : प्राचीन काल में मनुष्य के उद्देश्यपूर्ण जीवन को व्यतीत करने हेतु आश्रम व्यवस्था का निर्धारण किया गया था। निर्धारित आश्रम व्यवस्था की सफलता 'पुरुषार्थ' पर ही निर्भर थी। ये पुरुषार्थ हैं- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इन्हें चतुर्तुर्ग भी कहा गया है। पुरुषार्थ के अन्तर्गत मनुष्य भौतिक सुखों का उपभोग करते हुए धर्म का भी समान रूप से अनुसरण करके मोक्ष का अधिकारी होता हैं। अतः दिए गए विकल्प में 'सत्व' पुरुषार्थ नहीं है।

 

48. निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ वैदिक साहित्य का हिस्सा नहीं है?
(a) ब्राह्मण
(b) आरण्यक
(c) पिटक
(d) उपनिषद

RRB Group-D - 24/08/2022 (Shift-I)
Ans.(c) : वेद हिन्दू धर्म के आधारभूत ग्रन्थ हैं, जिनकी संख्या चार है 1. ऋग्वेद, 2. यजुर्वेद, 3. अथर्ववेद, 4. सामवेद।

इन सभी वेदों के ब्राह्मण, आरण्यक तथा उपनिषद है। चारों वैदिक संहिताएँ तथा इनके ब्राह्मण, आरण्यक तथा उपनिषद् मिलाकर वैदिक साहित्य कहलाते हैं, जबकि पिटक बौद्ध धर्म की प्रमुख पुस्तक हैं। बौध धर्म में पिटकों का वेदों (हिन्दू धर्म में) के समान ही महत्व है। पिटक तीन है-

  1. विनय पिटकः बौद्ध धर्म व संघ के नियमों का संकलनः

  2. सुत्त पिटकः बौद्ध धर्म के सिद्धांतो का संकलन,

  3. अभिधम्म पिटकः इसमें दार्शनिक क्रिया कलापों की व्याख्या की गई है।

 

49. हिन्दू धर्म में, इनमें से किस देवता को सृजनकर्त्ता माना जाता है?
(a) ब्रह्मा
(b) गणेश
(c) महेश
(d) विष्णु

RRB Group-D- 29/08/2022 (Shift-III)
Ans. (a) : हिन्दू धर्म में सृजनकर्ता का देवता ब्रह्मा को माना जाता है। भगवान विष्णु को इस सृष्टि के संचालन कर्ता के रूप में तथा भगवान शिव को सृष्टि के विनाशक के रूप में जाना जाता है।

 

50. ऐतरेय उपनिषद, ---- के ऐतरेय आरणयक की दूसरी पुस्तक के चौथे, पांचवें और छठे अध्याय से संबंधित है, और इसे सबसे पुराना उपनिषद माना जाता है।
(a) ॠग्वेद
(b) सामवेद
(c) यजुर्वेद
(d) अथर्ववेद

RRB Group-D - 23/08/2022 (Shift-II)
Ans. (a) : ऐतरेय उपनिषद ऋग्वेद के ऐतरेय आरण्यक की दूसरी पुस्तक के चौथे, पांचवें और छठे अध्याय से संबंधित है और इसे सबसे पुराना उपनिषद माना जाता है। ऋग्वेद 10 मण्डल 1028 सूक्त एवं लगभग 10600 ॠचाएँ हैं। इस वेद के ॠचाओं के पढ़ने वाले ऋषि को होतृ कहते है। इस वेद से आर्यों के राजनीतिक प्रणाली एवं इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है।

 

51. ऋग्वेद चार वेदों में से पवित्रतम वेद है, जिसमें 10,600 ॠचाओं के  सुक्तों के 10 अध्याय ( जिन्हें मंडल कहा जाता है ) शामिल हैं।
(a) 1,028
(b) 1,128
(c) 1,210
(d) 1,230

RRB Group-D - 26/08/2022 (Shift-II)
Ans. (a) : चारो वेदों में ऋग्वेद सबसे प्राचीन है तथा अथर्ववेद सबसे नवीन है। ऋग्वेद को दस भागों में बांटा गया है जिन्हे मंडल के नाम से जाना जाता है, इसमें 10,600 ॠचाओं और 1028 सूक्तों का संग्रह है। ऋग्वेद में उद्धृत प्रमुख देवता इन्द्र हैं। प्रसिद्ध गायत्री मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद के तीसरे मण्डल में है, तथा 9 वें मंडल में देवता सोम का उल्लेख है।

 

52. किस वेद में ॠचाओं (verses) की संख्या सर्वाधिक है?
(a) सामवेद
(b) अथर्ववेद
(c) ॠग्वेद
(d) यजुर्वेद

RRB Group-D - 02/09/2022 (Shift-II)
Ans. (c) : उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

53. निम्नलिखित में से कौन सा चारों वेदों में से सबसे पुराना और सबसे बड़ा वेद है?
(a) ऋग्वेद
(b) यजुर्वेद
(c) अथर्ववेद
(d) सामवेद

RRB Group-D - 16/09/2022 (Shift-II)
Ans. (a) : उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

54. ॠग्वेद -----का संग्रह है।
(a) 1028 सूक्तों
(b) 2028 सूक्तों
(c) 4028 सूक्तों
(d) 3028 सूक्तों

RRB Group-D - 13/09/2022 (Shift-II)
Ans. (a) : उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

55. प्रारंभिक हिंदू दर्शन में जीवन के कितने चरण निर्धारित किए गए हैं?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

RRB Group-D - 30/08/2022 (Shift-III)
Ans. (c) : प्रारंभिक हिंदू दर्शन में जीवन के चार चरण निर्धारित किए गए है -
(1) ब्रह्मचर्य (0-25 वर्ष)
(2) गृहस्थ (25-50 वर्ष)
(3) वानप्रस्थ (50-75 वर्ष)(4) संन्यास (75-100 वर्ष)

 

56. चारों वेदों में से किस वेद को 'यज्ञ' सूत्रों के वेद के रुप में जाना जाता है, जिसमें समान उद्देश्य के लिए इच्छित छंदों के साथ -साथ विभित्र संस्कारों के लिए अपनाएं जानें वाले गद्य सूत्र भी शामिल है?
(a) सामवेद
(b) अथर्ववेद
(c) यजुर्वेद
(d) ऋग्वेद

RRB Group-D - 29/09/2022 (Shift-III)
Ans. (c) : चारो वेदों में से यजुर्वेद को 'यज्ञ सूत्रों के वेद' के रूप में जाना जाता है, जिसमें समान उद्देश्य के लिए इच्छित छंदो के साथ-साथ विभिन्न संस्कारों के लिए अपनाए जाने वाले गद्य सूत्र भी शामिल हैं।

 

57. उपनिषद शब्द में ‘उप’ शब्द क्या दर्शाता है?
(a) गुप्तता
(b) निकटता
(c) समग्रता
(d) खुशी

RRB Group-D - 17/08/2022 (Shift-III)
Ans. (b): उपनिषद शब्द में 'उप' शब्द निकटता को दर्शाता है। उपनिषद सामान्यतः वेदान्त कहलाते हैं। वे दार्शनिक ग्रंथ हैं। भारतीय दर्शन के कुछ प्रमुख उपनिषद वृहदारण्यक, छांदोग्य, ऐतरेय, कौषितकी, मैत्रायणी आदि हैं।

 

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